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लाला की कर्ज वसूली – Desi hindi sexy kahani

लाला की कर्ज वसूली - Desi hindi sexy kahani

48 वर्षीय लाला अपनी निर्दयी व्यापारिक रणनीति और सत्ता के लिए कभी न मिटने वाली भूख के लिए जाने जाते थे। 27 वर्षीय बिंदिया उनके कर्ज के जाल में फंस गई थी, उसके पति के असफल व्यवसाय ने उसे एक अनिश्चित स्थिति में डाल दिया था। हालांकि, लाला ने उसकी कमजोरी का फायदा उठाने का मौका देखा। उसने कर्ज चुकाने की मांग की, लेकिन जब बिंदिया ने ऐसा नहीं किया, तो उसने उसे परेशान करना शुरू कर दिया, उसके इरादे वित्तीय से बदलकर शारीरिक हो गए। Read Desi hindi sexy kahani

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एक शाम, बिंदिया ने खुद को लाला के कमरे के बाहर खड़ा पाया, उसका दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। वह जानती थी कि उससे क्या उम्मीद की जा रही है, और वह खुद को कर्ज से मुक्त करने के लिए अंतिम बलिदान देने के लिए तैयार थी। उसने दस्तक दी, उसकी अंगुलियों से भारी लकड़ी के दरवाजे पर मुश्किल से आवाज़ आ रही थी। लाला ने दरवाजा खोला, उसकी आँखें वासना से चमक रही थीं।

लाला ने बिंदिया को कमरे में खींच लिया, उसकी कलाई पर उसकी पकड़ मजबूत थी। उसने उनके पीछे दरवाजा बंद कर दिया, आवाज़ विशाल कमरे में गूंज उठी। उसने उसे दीवार के सहारे दबाया, उसका शरीर उसके शरीर से ऊपर था। बिंदिया उसकी सांसों को अपनी गर्दन पर महसूस कर सकती थी, जो गर्म और भारी थी। वह झुक गया, उसके होंठ उसके होंठों को एक दर्दनाक चुंबन में पा गए। उसकी जीभ ने उसके मुंह में अपना रास्ता बना लिया, खोजबीन की, हावी हो गई। बिंदिया उसके होंठों के खिलाफ कराह उठी, उसका शरीर उसके स्पर्श का जवाब दे रहा था, बावजूद इसके कि उसका मन विरोध में चिल्ला रहा था।

लाला के हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे, उसकी उंगलियाँ उसकी ड्रेस के पतले कपड़े के माध्यम से उसके स्तनों के वक्रों को छू रही थीं। उसने एक को कप में भर लिया, जोर से दबाया, जिससे बिंदिया की साँस फूल गई। वह मुस्कुराया, उस पर अपनी शक्ति का आनंद लेते हुए। उसने अपना हाथ उसकी ड्रेस के पीछे ज़िपर पर ले जाकर धीरे-धीरे नीचे खींचा, उसकी आँखें कभी भी उसकी आँखों से नहीं हटीं। ड्रेस फर्श पर गिर गई, उसके पैरों पर ढेर हो गई, जिससे वह अपने अधोवस्त्र में खड़ी रह गई।

लाला की नज़र उसके शरीर पर घूम रही थी, उसकी आँखें इच्छा से काली पड़ रही थीं। उसने उसे बिस्तर की ओर धकेला, उसका हाथ उसकी पीठ के निचले हिस्से पर था। बिंदिया लड़खड़ा गई, नरम गद्दे पर गिर गई। लाला उसके पीछे चला गया, उसका शरीर उसके शरीर को ढँक रहा था। उसने उसे फिर से चूमा, उसके हाथ उसके स्तनों पर चले गए, उन्हें जोर से मसलते हुए। बिंदिया ने साँस ली, उसकी पीठ बिस्तर से हट गई।

लाला नीचे चला गया, उसके होंठ उसके शरीर पर एक रास्ता बना रहे थे। उसने उसकी पैंटी को हाथ में लिया और उसे तेजी से खींचकर उतार दिया। उसने उसकी टांगें फैला दीं, उसकी आँखें उसकी खुली हुई चूत को देखने में मग्न थीं। उसने अपने होंठ चाटे, उसका हाथ अपनी पैंट की तरफ बढ़ा और उसकी ज़िप खोल दी। उसने अपना लिंग बाहर निकाला, जो पहले से ही कठोर और तैयार था।

बिंदिया ने देखा कि लाला ने खुद को उसकी टांगों के बीच में रखा। उसने उसे अंदर धकेला, उसका लिंग उसे भर रहा था। बिंदिया ने हांफते हुए, अपने शरीर को उसके आकार के अनुसार ढाल लिया। लाला ने इंतजार नहीं किया, वह हिलने लगा, उसके धक्के तेज और कठोर थे। बिंदिया कराह उठी, उसका शरीर उसके कठोर व्यवहार का जवाब दे रहा था। उसने अपनी टांगें उसकी कमर के चारों ओर लपेट लीं, उसे और अंदर खींच लिया।

लाला ने उसे जोर से चोदा, जैसे-जैसे वह अपने orgasm के करीब पहुंच रहा था, उसके धक्के और भी speed होते जा रहे थे। बिंदिया को अपने खुद के संभोग का निर्माण महसूस हो रहा था, जैसे-जैसे वह करीब आ रहा था, उसका शरीर तनावग्रस्त हो रहा था। लाला उनके बीच पहुंच गया, उसकी उंगलियां उसकी bhosda को ढूंढ रही थीं। उसने उसे रगड़ा, उसकी हरकतें उसके धक्कों की लय से मेल खा रही थीं। बिंदिया चिल्लाई, उसका संभोग उसके ऊपर बह रहा था। लाला ने उसका पीछा किया, उसका लिंग उसके अंदर धड़क रहा था।

वे वहीं लेटे रहे, हांफते हुए, उनके शरीर पसीने से लथपथ थे। लाला ने खुद को अलग किया, उसके ऊपर से लुढ़क गया। बिंदिया उठ बैठी, उसकी आंखें उसकी आंखों से मिलीं। उसने उसकी आँखों में संतुष्टि देखी, यह जानते हुए कि उसने जो चाहा था, वह ले लिया है। बिंदिया मुस्कुराई, उसकी आँखों में एक दुष्ट चमक थी। उसने उसे वह दिया था जो वह चाहता था, लेकिन उसने कुछ लिया भी था। उसने अपनी शक्ति, अपना नियंत्रण वापस ले लिया था। वह खड़ी हो गई, अपने कपड़े समेटते हुए। लाला ने उसे देखा, उसके चेहरे पर एक शिकन थी। बिंदिया मुस्कुराई, यह जानते हुए कि वह इस दौर में जीत गई थी। उसने अपना कर्ज चुका दिया था, लेकिन उसने कुछ अमूल्य भी हासिल किया था। उसने अपनी आज़ादी हासिल कर ली थी।

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