
नमस्ते दोस्तों !! आप सबका फिरसे एक बार स्वागत है https://hindixstories.com/ की एक नयी कहानी में। जैसे की आप लोगों को पता है मैं हमेशा अच्छी अच्छी desi indian indiasex stories सेक्स की कहानिया आप लोगों के लिया लता हूँ। तोह आज में आपको बताऊंगा एक ट्रैन सेक्स की कहानी। इमरान एक काम के सिलसिले में दिल्ली जा रहा था राजधानी एक्सप्रेस में। उसी ट्रैन में एक लड़की भी ट्रेवल कर रही थी , तोह ट्रैनमें उन दोनों के बिच क्या हुआ चलिए पढ़ते हैं।
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रात का वक्त था। एक्सप्रेस ट्रेन अपनी रफ्तार में भाग रही थी, बाहर अंधेरा और अंदर हल्की-हल्की टिमटिमाती रोशनी। बोगी में ज़्यादातर लोग सो चुके थे। 2nd AC का डिब्बा था—शांत, ठंडा और बस रेल की लयबद्ध आवाज़।
इमरान अपने ऊपरी बर्थ से नीचे उतरा, पानी की बोतल लेने। जैसे ही वो नीचे आया, इमरानकी नज़र रीना पर पड़ी—वो रीना खिड़की के पास बैठी थी, बाल खुले हुए, नीली शॉल में लिपटी। इमरानकी आँखें कुछ ढूंढ रही थीं, शायद नींद, शायद किसी बात का जवाब।
“नींद नहीं आ रही?” इमरानने पूछा, हौले से।
रीना मुस्कुराई। “ट्रेन की आवाज़… अच्छी लगती है, पर सोने नहीं देती।”
“और बातें?” वो थोड़ा और पास आया, इमरानकी आवाज़ में अब एक धीमी खनक थी।
“बातें… अगर अच्छी हों, तो नींद से बेहतर लगती हैं।” रीना नज़रें अब इमरानसे टकरा रही थीं—धीरे, गहराई से।
दोनों खिड़की के पास बैठ गए। बाहर अंधेरा भाग रहा था, और अंदर सन्नाटे में उनके शब्दों की गर्माहट घुल रही थी।
वो रीनाके बहुत पास था अब। रीना की साँसों की खुशबू उसे छू रही थी। इमरानकी उँगलियाँ रीनाके शॉल के किनारे से खेल रही थीं, और लड़का जैसे हर पल में खोता जा रहा था।
“कभी किसी अजनबी से इस तरह बात की है?” इमरानने पूछा।
रीना ने इमरानकी तरफ देखा—धीरे से मुस्कुराई। “अजनबी रहेंगे क्या हम… सुबह तक?” indiasex stories
इमरान हाथ अब रीनाके हाथ में था। ट्रेन की लहराती चाल के साथ, उनके बीच की दूरी भी बहती चली गई—सिर्फ आँखें, साँसे, और थोड़ी सी धड़कनों की बातचीत रह गई। अब इमरान को पता चलगेया की रीना के साथ खेल बन सकता है , फिर उसने धीरे से उसकी हाथ को थोड़ा दबाया और रीना की आँख बंद होगयी , वह अब पूरी तरह से बेकाबू हो चुकी थी। अब इमरान देरी नकारते हुए धीरे से उसकी हाथ में एक किश किया और हाथ को जोरसे डाब लिया
उस रात, ट्रेन सिर्फ एक जगह से दूसरी नहीं गई—दो दिलों को अनजाने मोड़ पर मिलाने का काम भी कर गई।
अब जब रात अपनी गहराई तक पहुँच चुकी थी, ट्रेन का हर झटका जैसे उन्हें एक-दूसरे के थोड़ा और करीब ला रहा था। बाहर अंधेरे में कुछ नहीं दिखता था—सिर्फ उनका अक्स, खिड़की के शीशे पर, पास-पास।
वो अब और पास आ गया था, उनकी उंगलियाँ अब सिर्फ साथ नहीं थीं—वो उसे महसूस कर रही थी, जैसे हर स्पर्श में कोई कहानी हो। रीनाके हाथ की गर्मी इमरानकी कलाई से होती हुई रीनाके कंधे तक जा रही थी।
“तुम्हें डर नहीं लग रहा?” उसने फुसफुसाते हुए पूछा।
“डर तो अब तक की ज़िंदगी से लगा है,” वो मुस्कुराई, और इमरानकी ओर थोड़ा झुक गई। “ये तो… आज़ादी लग रही है।”
इमरानकी उंगलियाँ अब रीनाके गाल पर थीं, नर्म, थरथराती हुई। उसने हल्के से रीनाके बालों को पीछे किया, और इमरानकी आँखों में देखा। उसमें कोई हड़बड़ी नहीं थी, बस एक शांत, मदहोश करने वाली बेचैनी।
“अगर मैं तुम्हें छू लूं?” इमरान की आवाज़ में एक काँपती हुई अनुमति थी।
“तो शायद… मैं तुम्हें रोकूँ नहीं,” रीना ने जवाब दिया, धीरे से।
उसने इमरान चेहरा अपनी हथेलियों में ले लिया, और बहुत धीरे से, बेहद सलीके से रीनाके होंठों को छुआ—जैसे कोई पूजा कर रहा हो। एक पल के लिए सब कुछ रुक गया—ट्रेन, समय, सांसें। indiasex stories

चुम्बन लंबा नहीं था, लेकिन इमरानकी गर्मी उनके अंदर तक उतर गई। उसने इमरानकी शॉल हटाई, इमरानकी गर्दन पर होंठ रखे—फिर दोनों इमरान की बर्थ पर चले गए और परदे को धीरे से बंद कर दिया। इमरान अब बेकाबू होकर रीना को किश कर रहा था और धीरे धीरे उसकी चूचीको हाथसे थोडासा छूलिया , अब रीना की सरीर में करेंट जैसा फैलने लगी , और वह भी पागल जैसे होगयी।। रीना की उंगलियाँ अब इमरानकी पीठ पर थीं, इमरानकी टी-शर्ट के कपड़े के नीचे। indiasex stories
ट्रेन में बाहर रात अपने मुकाम पर थी, लेकिन उस कम्पार्टमेंट के पर्दों के पीछे—दो जिस्मों की नज़दीकियाँ, दो आत्माओं का एक सफ़र शुरू हो चुका था। फिर इमरान किस करते हुए चूचीयो को मसल रहा था , इधर रीना भी इमरान की बालों को पदक के सेहला रहा था , धीरे धीरे उसने लड़की की सलवार ऊपर करने लगी और खुदकी शर्ट खोलने लगा , मानो अब दोनों चुदाई की जंग लड़ने केलिए तैयार थे I antarvasna stories
फिर इमरान जोर जोर से किस करा रहा था और चूचीभी मस्त दबा रहा था। रीना अब बस सिसकारियां ले रही थी तोह इमरान रीना की होंठ पे हाथ रख दिया की आवाज को धीरे करने के लिए। इमरान का लंड अब खड़ा होना लगा था तोह रीना भी अब निचे से गीली हो चुकी थी। अब इमरान रीना की एक हाथको लेके अपने लंड पे रख दिया , रीना मानो चमकने लगी। “ये क्या है इतना बड़ा” धीरे से इमरान की कानमें बोली , तक इमरान बोलै की तुम्हारी छूनेसे इसमें जान आगयी है और दोनों हसने लगे। अब इमरान रीना को निचे लेटा दिया और उसकी नीचेका कमीज नक़ल दिया , अब रीना बस ब्रा और पेंटी में थी। indiasex stories

सफ़ेद पेंटी साफ़ गीली दिख रहा था। अब इमरान पेंटिको धीरे से साइड करके चुतको मसलने लगा , उसकी हाथको अब रीना गीली करने लगीथी। फिर उसने पैंटी पूरा उतर दिया और चुत को चाटने लगा। रीना बस सिस्कार रही थी और जोर जोर से इमरान की लंड को हिला रही थी। फिर थोड़ी देर में रीना इमरान को अपने और खींचने लगी और उसकी लुंडको थोड़ा अपनी हूँठोसे किस किया और मुँह में लेने लगी। फिर इमरान लड़को उसकी चुत में थोड़ा लगाया और धिरे धीरे पेलने लगा। लंड अब चुत में पूरा घुस गया और इमरान जोर जोर चुद रहा था। १० मिनिट चुदाई के बाद लंड पानी निकल दिया चुत के अंदर और दोनों सांत होगये। hindi antarvasna stories
उस रात, शब्द कम हुए, स्पर्श ज़्यादा बोले।
और जब वो दोनों एक ही बर्थ पर, एक ही चादर में सिमटे थे—नींद की जगह उनका साथ था। इमरानकी उंगलियाँ अब रीनाके बालों में थीं, और रीना इमरानकी छाती पर सिर रखे धीरे-धीरे साँस ले रही थी, जैसे वो इमरानकी धड़कनों को पढ़ रही हो।
कोई वादा नहीं किया उन्होंने… लेकिन उस रात, दो अनजान मुसाफ़िरों ने एक-दूसरे की याद में कुछ बहुत गहरा छोड़ दिया।
सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर रीनाके चेहरे पर पड़ी। रीना अब भी इमरानकी छाती पर सिर रखे सो रही थी, बाल बिखरे हुए, सांसें धीमी और गर्म। ट्रेन धीमे-धीमे किसी स्टेशन की ओर बढ़ रही थी—लेकिन उस बर्थ पर वक़्त जैसे थम गया था।
इमरान ने हल्के से इमरानकी कलाई को छुआ, और मुस्कुराया। “ये रात… सच में हुई थी?” मन में सवाल आया, लेकिन इमरानकी सांसें, इमरानकी गर्मी, अब भी इमरानकी रूह में बसी थीं। indiasex stories
थोड़ी देर बाद, रीना की आँखें खुलीं। उनींदी सी मुस्कान, और कुछ न कहने वाला अपनापन इमरानकी नज़रों में था।
“गुड मॉर्निंग,” उसने कहा, धीरे से।
“गुड मॉर्निंग… मिस या मिसेज?” वो हँस पड़ा।
रीना हँसी, आँखें झुकीं, “बस… मुसाफ़िर। नाम जानना ज़रूरी है क्या?”
“नाम नहीं… शायद स्टेशन,” उसने कहा। “कहाँ तक जाना है तुम्हें?”
“जहाँ तक तुम साथ चल सको।”
कुछ पल के लिए, एक अजीब सी चुप्पी दोनों के बीच आई—जैसे ये तय कर रही हो कि ये रात सिर्फ़ एक लम्हा थी, या शुरुआत।
ट्रेन रुकी। स्टेशन का नाम दोनों ने नहीं देखा—बस एक हलचल सी हुई, कुछ यात्री उतरे, कुछ चढ़े।
“मुझे उतरना है अगला स्टेशन,” रीना ने कहा, शॉल ठीक करते हुए।
इमरान का दिल थोड़ा भारी हुआ, पर उसने खुद को संयम में रखा। “क्या फिर कभी… मिलोगी?”
रीना ने इमरानकी तरफ देखा, नज़रों में गहराई थी। Hindi antarvasna stories
“अगर किस्मत चाहती है… तो अगली ट्रेन में, अगली रात, शायद अगली ज़िंदगी में,” उसने कहा, और हल्के से रीनाके गाल पर चूमते हुए उठ खड़ी हुई।
जब ट्रेन रुकी, वो उतर गई।
वो खिड़की से उसे जाता देखता रहा—रीना ने एक बार पीछे मुड़कर देखा, मुस्कुराई, और भीड़ में खो गई। indiasex stories
वो सफ़र तो खत्म हुआ, लेकिन उस रात की गर्मी, वो अधूरी बातें, और वो आँखें… हमेशा के लिए इमरानकी यादों में दर्ज हो गईं।
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