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पडोसी रोहन अंजलि की प्यास बुझाई – Hindi Chudai Story


आप सबको फिरसे स्वागत है HindiXStories में। आज हम पढ़ेंगे Desi Hindi Chudai Story की एक ऐसी कहानी जहाँ एक पतिसे नाखुश पत्नी अपने पडोसी लड़के के साथ सम्भोग करती है। इसको पढ़िए और मजे लीजिये।

30 वर्षीय अंजलि की शादी 36 वर्षीय हीरालाल से हुई थी। वे एक शांत इलाके में रहते थे, उनकी ज़िंदगी सामान्य सी लगती थी, लेकिन अंजलि संतुष्ट नहीं थी। हीरालाल, अपनी पूरी कोशिशों के बावजूद, उसकी वासना की प्यास नहीं बुझा पाया। वह कुछ और चाहती थी, कुछ जंगली और अदम्य।

Hindi Chudai Story

उनका पड़ोसी रोहन एक रहस्यमयी आदमी था। उसका कठोर रूप और धधकती आँखें किसी भी महिला के दिल की धड़कनें बढ़ाने के लिए पर्याप्त थीं। अंजलि ने पाया कि वह उसकी ओर आकर्षित हो रही थी, उसका शरीर उसकी उपस्थिति पर उस तरह से प्रतिक्रिया कर रहा था जैसा हीरालाल के साथ कभी नहीं हुआ था। उसने रोहन को आकर्षित करना शुरू कर दिया, उसके इरादे स्पष्ट थे। वह उसे चाहती थी, और उसे पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार थी। Desi Hindi Chudai Story

एक शाम, जब सूरज ढल रहा था, अंजलि ने रोहन को रात के खाने पर आमंत्रित किया। हीरालाल एक व्यापारिक यात्रा पर गया हुआ था, जिससे वे अकेले रह गए। उसने एक ऐसी पोशाक पहनी थी जो उसके कर्व्स से चिपकी हुई थी, जिससे कल्पना के लिए बहुत कम जगह बची थी। रोहन की आँखें चौड़ी हो गईं, जैसे ही उसने उसे देखा, उसकी नज़र उसके भरपूर वक्ष पर टिकी रही।

अंजलि रोहन के करीब आ गई, उसका शरीर उसके शरीर से टकरा रहा था। वह रोहन से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर सकती थी, उसकी इच्छा स्पष्ट थी। वह झुक गई, उसके होंठ उसके कान से बस कुछ इंच की दूरी पर थे। “मैं तुम्हें चाहती हूँ,” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ इच्छा से भरी हुई थी।

रोहन के हाथ अंजलि की कमर तक पहुँच गए, उसे अपने करीब खींचते हुए। वह महसूस कर सकता था कि उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा है, उसकी साँसें रुक रही हैं, क्योंकि उसने अपने होंठ उसके होंठों पर दबा रखे थे। उनकी जीभें नाच रही थीं, एक जंगली और जोशीला टैंगो जिसने उन दोनों को बेदम कर दिया। Indian Hindi Chudai Story

अंजलि के हाथ रोहन के शरीर पर घूम रहे थे, उसकी उंगलियाँ उसकी मांसपेशियों की रूपरेखा को छू रही थीं। वह महसूस कर सकती थी कि उसका कड़ापन उसके खिलाफ़ दबाव डाल रहा था, जो उसकी इच्छा का प्रमाण था। वह नीचे पहुँची, उसकी उंगलियाँ उसके मर्दानगी को छू रही थीं। रोहन ने कराहते हुए कहा, उसका शरीर उसके स्पर्श से काँप उठा।

वे बेडरूम में चले गए, उनके शरीर एक दूसरे से लिपटे हुए थे। रोहन के हाथ अंजलि के शरीर को टटोल रहे थे, उसकी उंगलियाँ उसके स्तनों के वक्रों को छू रही थीं। उसने उसके निप्पलों को छेड़ा, उसके स्पर्श से उसके अंदर खुशी की लहरें दौड़ रही थीं।

अंजलि कराह उठी, उसका शरीर रोहन की ओर झुक गया। वह उसे चाहती थी, उसकी ज़रूरत थी। वह महसूस कर सकती थी कि उसकी चूत गीली हो रही है, उसके लिए उसकी इच्छा बहुत ज़्यादा है। वह नीचे पहुँची, उसकी उँगलियाँ उसकी कठोरता को महसूस कर रही थीं। उसने उसे सहलाया, उसका स्पर्श दृढ़ और आत्मविश्वासपूर्ण था।

रोहन ने कराहते हुए कहा, अंजलि के स्पर्श से उसका शरीर कांपने लगा। उसे अपने लिंग की धड़कन महसूस हो रही थी, उसके लिए उसकी इच्छा चरम पर पहुंच रही थी। वह अंजलि के ऊपर चला गया, उसकी कठोरता उसके गीलेपन को दबा रही थी। Desi Hindi Chudai Story

जैसे ही रोहन ने अपना लंड उसके चुतके अंदर प्रवेश किया, अंजलि ने आह भरी, उसका लिंग उसे पूरी तरह से भर गया। उसने अपने पैरों को उसके चारों ओर लपेट लिया, उसे और अंदर खींच लिया। वे एक साथ चले, उनके शरीर एक हो गए। रोहन के धक्के जंगली और बेकाबू थे, अंजलि के लिए उसकी इच्छा उसे खा रही थी।

अंजलि की कराहें कमरे में भर गईं, उसका शरीर रोहन के स्पर्श का जवाब दे रहा था। वह महसूस कर सकती थी कि उसका संभोग बढ़ रहा है, उसका शरीर खुशी से तना हुआ है। रोहन के धक्के और भी जंगली हो गए, उसका शरीर कांपने लगा क्योंकि वह अपने चरम पर पहुंच गया था।

वे बिस्तर पर गिर पड़े, उनके शरीर पसीने से लथपथ थे। अंजलि ने रोहन को देखा, उसके होठों पर एक दुष्ट मुस्कान खेल रही थी। “मुझे लगता है कि हीरालाल को अधिक व्यापारिक यात्राओं पर जाना पड़ेगा,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में प्रलोभन झलक रहा था।

रोहन ने एक हंसी निकाली, उसकी आँखें वासना से भरी हुई थीं। “मुझे लगता है कि तुम सही हो सकती हो,” उसने कहा, उसकी उंगलियाँ अंजलि के शरीर के वक्रों को छू रही थीं। Village Desi Hindi Chudai Story

और इस तरह, उनका प्रेम-संबंध शुरू हुआ। हीरालाल से असंतुष्ट अंजलि ने पाया कि रोहन उसकी इच्छाओं को पूरा करता है। उनकी रातें जोश और आनंद से भरी हुई थीं, उनके शरीर एक हो रहे थे। और अपने पड़ोस की शांति में, उन्हें एक ऐसा प्रेम मिला जो जंगली और अदम्य था।

जहाँ तक हीरालाल का सवाल है, वह अनजान बना रहा, उसकी व्यावसायिक यात्राएँ अंजलि और रोहन की मुलाकातों को सही आवरण प्रदान करती थीं। और इस तरह, जीवन चलता रहा, उनका रहस्य दुनिया से छिपा हुआ था। लेकिन अपने घरों की शांति में, उन्हें एक ऐसा जुनून मिला जो जंगली और अदम्य था। और एक-दूसरे की बाहों में, उन्हें एक ऐसा प्रेम मिला जो वर्जित था, लेकिन ओह इतना मीठा

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