ये उन दिनों की बात है जब में नई नई कॉलेज खत्म करके गांव में रहती थी। मे एम ए पास किया है और गाँव के पढ़े लिखे लोग मुझे सब से ऊपर भी थी। तो गांव क्या पुरा पंचायत में मुझे सब सम्मान करते थे। मेरे पापा एक सफाई कर्मचारी हैं और मेरी मां जमीदार की यहां काम किया करती थी।ऐसे संघर्ष करके पढ़ती थी तो सब मुझे पसंद करते और प्यार भी करते थे। कॉलेज खत्म होने के बाद नौकरी के लिए कोशिश की पर इतनी जल्दी कहां मिलने वाली। इसी लिए मैं अपने घर बच्चों को ट्यूशन करने लगी। मुझे बच्चों को पढ़ाना सच्चा अच्छा लगता है और कुछ सीखने को भी मिलता है। ऐसे मेरे दिन गुजर ते तथे। Indian Hindi Sex Story
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इसी बीच मुझे टीवी में देखने को मिला की पंचायत की चुनाब आने वाला है। मुझे इससे कुछ लेना देना नेही था। ऐसे तो हर 5 साल में एक बार होता है फिर भी गांव का कुछ विकास नहीं होता है। हमारा सरपंच कोई 2-3 बार चुनाव जीता था और उसका यहां बहुत दबा दबा था। उसका बहुत चेले हमारे गांव में जो लोग उसके इसारो पे गुंडा गर्दी करते थे।
इस बार चुनब का ऐलान हुआ तो मेरे गांव के लोग मुझे बोल ने लगे कि कोमल तुम क्यों नहीं चुनब में खादी होती है। तुम तो पढ़ी लिखी हो और चालक भी। हमें याकिन है कि तुम पंचायत का विकास जरूर करोगी। ये सुनने के लिए मैंने उनको बोली की मुझे राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। वैसे भी मेरे पास उतना पैसा नहीं है कि मैं चुनाव में खर्च कर सकती हूं।
ऐसे कहके मैंने उनकी बात तIलने लगी। पर गांव की सभा में हमारे गांव की मुखिया जब मुझे सरपंच पदबी के लिए फोर्स किए तब मुझे मजबूरन सोचनी पड़ी। मैंने ये बात मेरी माता पिता से भी पूछी तो वो लोग बोले की तुम्हारी मर्जी, अगर तुम्हें चुनाव में खड़ी है तो कोई बात नहीं। जब सब लोग फ़ोर्स करने लगे तो और कोई चIरI नेही था और में अपना नामंकन भर आई गाँव बालों के साथ जाके। मुझे नहीं पता था कि ये इलेक्शन मेरी जिंदगी बरबाद कर देगी।Hindi Sex Story
नामंकन दखल करने के बाद मैं अपने काम में बिजी थी, मेरे लिए मेरे गांव के लोग ही प्रचार करने लगी। सब कुछ सही चल रहा था। मेरी लोकप्रियता वी दिन वा दिन । एक दिन हमारे पंचायत की सरपंच मेरे घर आए थे। तो मैंने उन्हें सम्मान किया और घर बैठाया। उन्हें थोड़ी ऊंची आवाज़ से पूछा तुम्हारी घरवाले किधर है, तो मैंने उनसे पूछा सरपंच जी बोली बात क्या है, तो वो बोले कि मुझे तुम्हारे घर की बदन से बात करनी है उन्हें जल्दी बुलाओ। मैंने मेरे माता-पिता को बुलाया | जैसे ही मेरे मम्मी पापा आए तो वो थोड़ी ऊंची आवाज से बोले, मेरे पिता का नाम ले कर, क्या रे सुरेश, तुम लोगों की अब इतनी हिम्मत की तुम मेरे खिलाफ अपनी बेटी को सरपंच बनाओगे। तो मेरे पिताजी बोले नेही साहब गांव बलोन ने जिद किया तो बच्ची इलेक्शन में खड़ी होगयी। Desi Indian Hindi Sex Story
आप गलत मत समझे। हमें माफ कर दीजिए। मेरे लिए तूरंत बोलने लगी, पापा आप माफ़ी मत मांगिए। हमने कुछ गलत किया है क्या, सरपंच पदबी क्या उनकी जागीर है। ये सुनके सरपंच गुस्से से लाल होंगे, और बोले वह रे सुरेश लगता है तेरी बेटी अब बड़ी होगयी है।ठीक है तुम अपनी काम चालू रखो और हम अपनी करेंगे लेकिन इस बतमीज़ी का हिसाब तो तुमको देना पड़ेगा I ये बोलके वो तुरत घर से निकल गए। उनकी जाते ही पिताजी मुझे बोले, बिटिया तुम उन्हें क्यों ऐसी बोली, वो लोग बहुत खटरनक है, पटाने क्या करेंगे अब। फिर में बोली पापा आप फ़िक़र क्यों करते हो, जनता अपने साथ है। देखना है बार चुनाव हम जरूर जीतेंगे। फिर हम लोग इलेक्शन के लिए जारो शोरो से प्रचार करने लगे I Desi hindi xxx story
फिर चुनाव अब सिर्फ दो दिन बाकी थे, सम को पापा भाग के आए और मुझे बोलने लगे कि बेटी तुम कहीं भाग जाओ नेही तो अनार्थ हो जाएगा, तो मैंने पापा से पूछा क्या हुआ आपको पुरा बात तो बोलिए, तो वो बोलने लगे। सरपंच जी अब सब लोगों को 1000 रुपये बंट रहे हैं। और सब लोग उनसे पैसे भी ले रहे हैं। और आज वो मुझे बोले कि सुरेश तेरी बेटी अब बड़ी होगी है ना, चुनाव के बाद हम उसे थोड़ा तम्ज़ सिखाएंगे तुम तेयार रहना। पापा बोले बेटी तुम कहीं भाग जाओ मुझे बड़ा डर लग रहा है। तो मेरे पास बोली पापा आप मत सब लोक हमसे बोले मुर्गी की वो पैसा उनसे लेंगे लेकिन वोट हमको ही देंगे। Desi Indian Hindi Sex Story
ये सुनके पापा थोड़ा संत हुए। फिर चुनाव के दिन चुनाव खत्म हुआ और रिजल्ट में पता चला कि मैं हार गई हूं 461 वोट से. ये सुनके मेरे ऊपर मानो पहाड़ टूट पड़ा। मेरी आंख में आंसू आने लगे, में जोर से रोने लगी। फ़िर गाँव की एक लड़का मुझे आके बोला कि मेरे पापा सरपंच के पास है, और मुझे वहाँ जाने को बोले। मुझे समझा में नेही आ रहा था मैं क्या करूं, वो लड़का बोला अगर में 1 घंटे में सरपंच को नहीं मिला तो पापा की हाथ पैर तोड़ देंगे I ये सुनके मैं बोली ठीक है मुझे उनसे मिलेगी, बोलो कहां आना है। वो बोला मेरे साथ आओ।Hindi Sex Story desi
वो फिर मुझे गाड़ी में बैठाया और गांव के पास एक अकेला प्लेस में एक गर में ले गया। वहां सरपंच जी की पार्टी चलती रही थी। कुछ 4-5 लोग वहां पार्टी कर रहे हैं I मैं जैसे वहां पंहुची तो सरपंच बोला कि देखो सब अभी हमारे बीच कौन है, महिला सरपंच उम्मिदबार। मैंने कुछ नहीं बोली और सर को झुका के खड़ी रही।, फिर वो बोले क्यों मैडम आपकी तेवर कुछ नरम लग रही है आज आपको गुस्सा नहीं आरा? उस दिन तो आपकी तेवर कुछ अलग था आज क्या हुआ? Desi Indian Hindi Sex Story
चलो कोई नेही, वैसे मुझे तिखी लड़कियां बड़ी पसंद है। तुम तो कयामत हो, बस आज हम आपका तेवर देखना चाहते हैं। ये बोलके वो लोग एक एक गिलास दारू हाथ में लेके मुहं में लगाया। मुझे दारुका गंध से उल्टी आराही थी। मैंने हिम्मत करके पूछा मेरे पापा कहां है। वो बोले आपके पापा अभी तक तो सही सलामत है लेकिन पता नहीं कितने देर रहेंगे। मैंने बोला अगर पापा को कुछ हुआ तो में पुलिस से शिकायत करूंगा। ये सुनके वो सब हंसने लगे। और मुझे एक आदमी की तरफ इसरा करके बोले, ये कौन है पता है। अपने ठाणे का इंस्पेक्टर और वो दूसरा जो है आपको तो पता होगा वो हमारे विधायक हैं।
अगर आपको शिकायत करना है तो यही पे करदो, थाना जाने की क्या जरूरत है। मेरा सर चक्कर खाने लगी, मुझे लगा में अब फंस चुकी हूं। अभी में कहीं जा भी नहीं शक्ति क्यों कि पापा इनके पास हैं। फिर मैंने उनसे पूछा आप लोग चाहते क्या हो। फिर वो बोले अब आई ना सही सवाल पे। देख तेरे वजह से मेरा बहुत नुक्सान हुआ है और मुझे उसकी भरपाई करना है। मैं बोली मेरे पास इतना पैसा नहीं है, फिर वो बोले तू मुझे कितना पैसा दे सकती है? हमें तेरा जिस्म चाहिए जब तक मन न भरे। ये सुनके मनो में तंग रह गई। मैं बोली आपको सरम नेही आ रहा, मैं आपकी बेटी की उम्र की हूं, वो बोले हमें कच्ची कलियां बहुत पसंद हैं। वो बोले देख अगर तू राजी होगी तो हम आराम से करेंगे नहीं तो जबरदस्ती करेंगे और तेरी फाड़ देंगे। ये सुनके मैं रोने लगी। मैं बोली भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैं मासूम लड़की हूं मैंने आप लोगों का क्या बिगड़ा है। वो सब हस रहे थे। सरपंच ने बोला तो तू ऐसे नहीं मानेगी लगती है आज तेरी बूर फIड़नी पड़ेगी। मैंने बोली नेही नेही मैं राजी हूं। लेकिन कृपया मेरे साथ जबरदस्ती न करो। ठीक है वो बोले और वो सब दारु पाइन लगे | pure desi Indian Hindi Sex Story
उन लोगों ने दारु पी रहे थे और गंदी गंदी बात कर रहे। में सोच नेही पा रही थी क्या करूं। फिर सरपंच आया और मेरे हाथ को घसीट ता हुआ मुझे एक पेड़ के पीछे ले चला। में चिख रही थी। मैं जोर जोर से रोने लगी। वो मुझे एक जोर का थप्पड़ लगा और बोला, साली तेरी बहुत चरबी निकल आई है। मेरे खिलाफ खड़ी होगी साली रंडी। आज देख में तेरे साथ क्या करता हूं। Hindi Sex Story
फिर वोह मुझे जोर से जमीं पे पटक दिया और बोलै अपनी कपडा निकाल, में धीरे से अपनी ओढ़नी खोल रही थी फिर वह जोर से बोला जल्दी निकाल नहीं तोह फाड़ दूंगा कपडा। फिर में अपना टॉप निकली , फिर अपना प्यान्ट अब में अपनी ब्रा और पेंटी में खड़ी थी। वह मेरे पास आया और मेरे दोनों चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही मसल ने लगा। में रो रही थी और बोली प्लीज मेरे साथ कुछ मत करो , में आपको कुछ नहीं बोलूंगी , वह सुनने की हालत में नहीं था। में उसके और देखने लगी तोह वह अपनी कमीज खोल चूका था और सिर्फ अपने चड्डी में था। उसकी चड्डी में उभर आने लगा था मतलब उसका लंड अब खड़े होने लगा था। वह मेरी ब्रा को उतर के मेरे चूचियों को मसल रहा था और एक को अपने मुँह में डाला और चूसने लगी , दूसरे हाथ से मेरी पेंटी में हाथ डालके चुत को सहलाने लगा। मुझे थोड़ा अच्छा लगने लगा लेकिन उसका अगला कदम सोचके में डरने लगई।Hindi Sex Story
वह अब उसका चड्डी उतर दी , उसका लंड देख के में दर गयी , वह इतना बूढ़ा था लेकिन उसका लंड एकदम टाइट था। वह मुझे बोला उसको चूसने के लिए। मैंने मनI किया तोह वह जबरदस्ती मेरी मुँह उसकी लंड में दबा दिया और मेरी बालों को पकड़ के लंड में ऊपर निचे करने लगा। उसकी लंड से एक अजीब सी बदबू आ रहा था। में न चाहते हुए भी मेरी चुत से थोड़ा थोड़ा पानी निकाल रहा था। फिर वह मुझे निचे लेटाया और अपनी लंड को मेरे चुत में लगाया। में कुअँरि थी क्यों की मेरी कोई बॉयफ्रेंड नहीं थे पहले और में कभी कभी चुत में ऊँगली डालती थी। वह जब अपना लंड चुत में लगाया मुझे दर्द होने लगा में ूई माँ बोलके जोर से रोने लगी वह फिर एक थपड मुझे मारा और बोला साली चिल्ला मत , फिर मेरे मुँह में अपना हाथ से बंद किया और अपना लंड जोरसे मेरी कुअँरि चुत में घुसेड़ दी। मेरी आँख बहार निकाल आयी दर्द से , मुझे लगा मेरी चुत फट गर्यी है सायद, फिर वह जोर जोर से झटके मरने लगा। , में दर्द से जोर से चिल्ला रही थी , फिर वह मुझे चोद चोद के उसका सारा पानी मेरी अंदर चोद दिया और मेरे ऊपर से हट गया। में वहीँ पे अपनी टंगे फैलाये पड़ी रही और मेरे चुत से उसकी बीर्य निचे गिर रहे थे।