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22 वर्षीय एक हट्टा-कट्टा युवक अनमोल अपनी पड़ोसन, 20 वर्षीया दीप्तिमान सुंदरी प्रीति पर मोहित हो गया था। बालकनी में उनकी एक-दूसरे को देखने से एक चिंगारी भड़क उठी थी जो काफी समय से सुलग रही थी। अनमोल अपनी इच्छा को और अधिक नहीं रोक पाया और उसने मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया। उसने एक छोटे से काम में मदद करने के बहाने प्रीति को अपने घर बुलाया।
प्रीति, उत्सुक और थोड़ी संदिग्ध, उसके अनुरोध पर सहमत हो गई। उसने उसके दरवाजे पर दस्तक दी, उसका दिल उसकी छाती में धड़क रहा था। अनमोल ने दरवाजा खोला, उसकी आँखें शरारत से चमक रही थीं। उसने उसका स्वागत किया, उसकी निगाहें उसके कामुक शरीर पर टिकी रहीं। प्रीति ने अपने शरीर में गर्मी की लहर महसूस की, उसके गाल गहरे लाल हो गए।
अनमोल उसे अपने कमरे में ले गया, उसका हाथ उसके हाथ से छू रहा था। कमरे में हल्की रोशनी थी, कमरे में चारों ओर बिखरी टिमटिमाती मोमबत्तियाँ ही रोशनी का एकमात्र स्रोत थीं। प्रीति का दिल तेज़ी से धड़क रहा था, उसकी साँसें गले में अटक रही थीं। अनमोल उसके करीब आ गया, उसके हाथ उसकी कमर पर थे। उसने उसे अपनी ओर खींचा, उनके शरीर एक दूसरे से सटे हुए थे। Chudai Ki kahani in Hindi
प्रीति को महसूस हो रहा था कि उसकी कठोरता उसके शरीर पर दबाव डाल रही है, उसका शरीर तीव्र इच्छा के साथ प्रतिक्रिया कर रहा है। अनमोल झुक गया, उसके होंठों ने उसके होंठों को एक भावुक चुंबन में जकड़ लिया। प्रीति उसके अंदर समा गई, उसके हाथ उसके बालों में उलझ गए। उनकी जीभें एक साथ नाच रही थीं, उनकी साँसें इच्छा की सिम्फनी में मिल रही थीं।
अनमोल के हाथ उसके शरीर पर नीचे की ओर बढ़े, उसकी गांड को थामे हुए। उसने उसे दबाया, उसे अपने और भी करीब खींच लिया। प्रीति उसके मुंह में कराह उठी, उसका शरीर और अधिक के लिए तड़प रहा था। अनमोल ने अपने हाथों को उसके शरीर पर ऊपर की ओर बढ़ाया, उसके स्तनों को थामे हुए। उसने उन्हें मालिश किया, उसकी उंगलियाँ उसके कपड़े के कपड़े के माध्यम से उसके निप्पलों को छेड़ रही थीं।
प्रीति कराह उठी, उसका शरीर और अधिक के लिए भीख माँग रहा था। अनमोल ने आज्ञा मानी, उसके हाथ उसके शरीर पर नीचे की ओर बढ़ते हुए उसकी पोशाक को ऊपर उठा रहे थे। उसने उसे उसके शरीर से नीचे सरका दिया, उसकी आँखें उसके नग्न रूप को देख रही थीं। प्रीति उसकी निगाहों के नीचे काँप उठी, उसका शरीर उसके स्पर्श के लिए तड़प रहा था। अनमोल उसके करीब गया, उसकी उंगलियाँ उसकी कोमल त्वचा को छू रही थीं। Indian Chudai Ki kahani
वह झुक गया, उसके होंठ उसके निप्पल को पकड़े हुए थे। प्रीति ने हांफते हुए कहा, उसके हाथ उसके बालों में उलझ गए। अनमोल ने उसके निप्पल को चूसा, उसकी जीभ संवेदनशील कली को छेड़ रही थी। प्रीति कराह उठी, उसका शरीर उसकी ओर झुक गया। अनमोल ने अपना हाथ उसके शरीर पर नीचे की ओर घुमाया, उसकी उंगलियां उसकी नमी को छेड़ रही थीं।
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अनमोल ने उसमें जोर लगाया, उसकी कठोरता उसे भर रही थी। प्रीति हाँफने लगी, उसका शरीर आनंद में काँप रहा था। अनमोल उसके अंदर-बाहर होता रहा, उसके धक्के और भी तेज़ और सख्त होते गए। प्रीति की कराहें तेज़ हो गईं, उसका शरीर छूटने की भीख माँग रहा था। अनमोल उसके अंदर-बाहर होता रहा, उसके धक्के और भी तेज़ और सख्त होते गए। प्रीति की कराहें तेज़ हो गईं, उसका शरीर छूटने की भीख माँग रहा था।
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प्रीति अब और बर्दाश्त नहीं कर सकी और अनमोल को अपनी पीठ पर धकेल दिया। वह उसके ऊपर चढ़ गई और उसके लंड को अपने अंदर सरका दिया। वह उसे जोर से चोदने लगी, अपने कूल्हों को उसके खिलाफ रगड़ने लगी। अनमोल ने अपने हाथों से प्रीति की गांड पकड़ ली, उसे अपने करीब खींच लिया और अपने कूल्हों को ऊपर की ओर धकेल दिया।
फिर अनमोल ने प्रीति को उसकी पीठ पर पलट दिया और उसे जोर से चोदना शुरू कर दिया। उसका लंड उसके अंदर और बाहर धक्के मार रहा था, और वह महसूस कर सकती थी कि वह संभोग के करीब पहुंच रही है। अनमोल भी इसे महसूस कर सकता था और उसने अपनी गति तेज कर दी।
प्रीति की कराहें तेज होती गईं, जैसे-जैसे वह झड़ती गई, उसकी चूत अनमोल के लंड के चारों ओर कसती गई। अनमोल अब खुद को रोक नहीं सका और उसके अंदर आ गया, उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया।
वे दोनों वहीं लेटे रहे, बेदम और संतुष्ट। अनमोल ने प्रीति को देखा, और वह उसे देखकर मुस्कुराई। वे दोनों जानते थे कि यह उनके यौन रोमांच की शुरुआत थी।
तभी, प्रीति का फोन बज उठा, जिसने चुप्पी तोड़ी। यह उसकी माँ थी, जो उसे घर जाते समय किराने का सामान लेने की याद दिला रही थी। प्रीति ने अनमोल की ओर देखा और हँसी। “मुझे लगता है कि हमें इसे बाद में जारी रखना होगा,” उसने आँख मारते हुए कहा।
अनमोल मुस्कुराया और सिर हिलाया, पहले से ही उनके अगले मुलाक़ात के बारे में सोच रहा था। वह जानता था कि प्रीति उसके सपनों की लड़की थी, और वह फिर से उसके शरीर को तलाशने के लिए इंतज़ार नहीं कर सकता था।
जब प्रीति ने कपड़े पहने और चली गई, तो अनमोल अपने अप्रत्याशित मुलाक़ात के लिए आभारी महसूस करने से खुद को रोक नहीं सका। वह जानता था कि उसे कोई ख़ास व्यक्ति मिल गया है, कोई ऐसा व्यक्ति जो हर चीज़ के लिए तैयार है। वह यह देखने के लिए इंतज़ार नहीं कर सकता था कि भविष्य में उनके लिए क्या रखा है। Desi Chudai Ki kahani